RIGHTS AND DUTIES POEM | कर्तव्य और अधिकार पर कविता | POETRY - Adhikar Aur Kartavya



         POEM & POETRY ON  RIGHTS AND DUTIES...   BY : VINEET GODARA






कर्तव्य और अधिकार एक सिक्के के दो पहलू,
आज लगता है कि मै सब सच कहलू,
सब कहते है अधिकार के साथ कर्तव्य क्युँ सहलू,
पर कर्तव्य और अधिकार एक सिक्के के दो पहलू,

हमारे संविधान में है दस कर्तव्य तो छः अधिकार,
सब कहते है कर्तव्यों को तो गोली मार,
बस कर दो दस कर्तव्य से थोडे चार,
पर कर्तव्य के बिना कैसे चलेगी सरकार,

कर्तव्य नहीं था पहले संविधान में,
लोग रहते थे बस इसी अभिमान में,
कर्तव्यों को लाना पड़ा संविधान में,
क्योंकि कम हो गया था प्यार और भाईचारा इस जान में,

आज की इस दुनिया में  कोई नहीं छोडता अधिकारों को लेने की कोई कसर,
और होता क्युँ है जुल्म सिर्फ कर्तव्य और कर्तव्यनिष्ठ लोगों पर,
कर्तव्य करके हमें होना चाहिए हम पर फ़कर,
होगी बढेगी कर्तव्यनिष्ठ लोगों की भारत में दर,

इसी सोच के कारण ही देश में मची हुई है खलबली,
और लगी हुई हैं कर्तव्यों की बली,
पता नहीं कहाँ से आई ये सोच चली,
जिसने देश की सोच बदली,

अधिकारों से पहले कर्तव्यों की बारी आती है,
पता नहीं कैसे कर्तव्यों की बातें धूल और मिट्टी में मील जाती हैं,
इसी को नजरअंदाज करके दुनिया ठो‌कार 
ही खा जाती हैं,
लेकिन ठो‌कार खाकार ही दुनिया को समझ आती हैं,

एक जन का कर्तव्य  तो दुसरे जन का अधिकार हैं,
इसी को जानो ये ही सच्चा दरबार हैं,
यह तो एकता का अनेकता पर वार हैं,
हम सब मिल जुलकर चलने को तैयार हैं,

अगर एक को चैन की निंद सोने का अधिकार हैं,
तो दुसरा उसको लाउड साउड से न सताने को तैयार हैं,
हम सब एक दुसरे के भाई और यार हैं,
हम सब को कर्तव्य  करना  भी स्वीकार हैं,



पब्लिक प्रॉपर्टी है आपना ही घर,
उसी को बचाने के लिए तु मर,
यह कोई सजा नहीं यह तो है बस कर,
देश को बचाने के लिए तु कुछ ना कुछ तो कर,

देश में  दंगा मचा हुआ है तुम सँभाल लेना,
कर्तव्य और अधिकार को एक मान लेना,
इसको कहावत से हकीकत बना देना,
बनाकर सबको सत्य की राह पर चला देना,

यह कविता न मैंने किसी की देखी न ही किसी की चुराई,
बस सच्च के लिए मैंने अवाज है उठाई,
दिल और दिमाक से इस गंदकी की करनी थी सफाई,
मैंने तो सिर्फ सत्य की राह है दिखाई,

एक बार मैं फिर कहलू,
कर्तव्य और अधिकार एक ही सिक्के के दो पहलू,

---------- VINEET GODARA ©


TAGS:  Poem on RIGHTS AND DUTIES ,  poetry on RIGHTS AND DUTIES , hindi poem on RIGHTS AND DUTIES , Adhikar Aur Kartavya par kavita, Hindi Poetry on Adhikar And Kartavya, kavita on rights and responsibilities.

Comments

Post a Comment